
कोरोना वायरस के प्रकोप से उपजे आर्थिक संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ के आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की. प्रधानमंत्री मोदी आपदा को अवसर में बदलने के लिए ही जाने जाते हैं, जब वह इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब वहां आये भूकंप और फिर उससे निपटने के लिए हुए निर्माण इसकी गवाही देते हैं। प्रधानमंत्री ने इस बार भी वैश्विक स्तर पर फैली इस आपदा को अवसर में बदलने के लिए कई योजनाए शुरू की है.
वैश्विक स्तर पर आई इस आर्थिक आपदा ने समूचे विश्व को हिला कर रख दिया था इन परिस्थितियों के बीच सबसे ज्यादा जिस चीज की कमी महसूस की गई वह है स्थानीय उत्पाद। क्योंकि अचानक लगे लॉकडाउन से उत्पादों का आयत निर्यात पर बहुत प्रभाव पड़ा। शुक्र है कि नेतृत्व नरेंद्र मोदी जैसे नेता के हाथ में है, जिससे देश एक बहुत बड़ी नीतिगत त्रासदी से उबरते हुए आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने लगा। यह सब हमारे माननीय प्रधानमंत्री की बेहतर सूझबूझ का नतीजा है जो कुछ ही समय में भारत एक बहुत बड़े आर्थिक संकट से उबर पाया है. आने वाले महीनों में ही भारत की आर्थिक समस्या पूरी तरह से ख़त्म हो जायेगी और भारत दुनिया के सामने एक आत्मनिर्भर भारत के रूप में उभरेगा. भारत द्वारा उठाए गए इन कदमों को विश्व स्तर पर सराहा गया है आज समूची दुनिया यह मानती है कि आत्मनिर्भर बनने में ही मानवता का कल्याण निहित है।
लॉकडाउन के दौरान 12 मई 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा की जिसके तहत उन्होंने 20 लाख करोड़ रूपए के एक राहत पैकेज की घोषणा की, जो कोविड-19 महामारी के संकट से लड़ने में निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और एक आधुनिक भारत और आत्मनिर्भर भारत की पहचान बनेगा। पीएम मोदी द्वारा घोषित राहत पैकेज देश की कुल जीडीपी का लगभग 10 प्रतिशत है। खास बात यह है कि इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा नागरिकों की मदद के लिए नगद बहुत कम दिया गया, नगद के बजाय सरकार ने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए योजनाओं की शुरुआत की , उससे न तो देश घाटे में रहेगा, न ही किसी को सरकार से मिलने वाली वित्तय सहायता पर निर्भर होना होगा।
सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत MSMEs के कल्याण के लिए कुल 16 घोषणाएं की गईं, इसके साथ ही गरीबों, श्रमिकों और किसानों के लिए भी कुछ घोषणाएं की गईं, जिनमें किसानों की आय दोगुनी करने के लिए की गई 11 घोषणाएं भी शामिल हैं।
बहरहाल, इस योजना का मुख्य उद्देश्य 137 करोड़ देशवासिओं को इस संकट से उबरना और आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि भारत का प्रत्येक नागरिक संकट की इस घड़ी में भी अपनी जीवनशैली को संभाल सके और इस महामारी को हराने में अपना योगदान दे सके।
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना के माध्यम से देश को और मजबूत बनाने के लिए एक नयी पहल की है, इस पहल से कोरोना वायरस के कारण देश की बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सकेगा और देशवासिओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा।
आधुनिक और संपन्न भारत के निर्माण में आत्मनिर्भर भारत अभियान निश्चित ही अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आर्थिक राहत पैकेज के कारण सभी सेक्टरों की कुशलता बढ़ेगी और गुणवत्ता भी सुनिश्चित होगी। देखा जाए तो इस योजना के ज़रिये देश की अर्थव्यवस्था को 20 लाख करोड़ रूपये की मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों भारतीय उद्योग परिसंघ के एक बैठक को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हमारी सरकार प्राइवेट सेक्टर को देश की विकास यात्रा में साझीदार मानती है। लिहाजा, भारत को फिर से तेज़ विकास के पथ पर लाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए जो पांच चीजें बहुत ज़रूरी हैं, उनकी उपेक्षा नहीं की जा सकती है। इसलिए अब हमें अपने सामूहिक इरादे को एक लक्ष्य की ओर फोकस करते हुए इंटेंट यानी इरादा, इन्क्लूजन यानी समावेशन, इन्वेस्टमेंट यानी निवेश, इन्फ्रास्ट्रक्चर यानी बुनियादी ढांचा और इनोवेशन यानी नवोन्मेष की दिशा में कुछ बेहतर करना है।
पीएम ने स्पष्ट कर दिया है कि अब तो गांव के पास ही स्थानीय उत्पादों के लिए ज़रूरी आधारिक संरचना
तैयार किया जा रहा है। भारत में बीते कुछ महीने में ही PPE KIT की करोड़ों की इंडस्ट्री खड़ी हो चुकी है। मार्च के महीने में भारत में पीपीई किट का निर्माण शून्य सेशुरू किया गया था और आज भारत में एक दिन में तक़रीबन 2 लाख से अधिक पीपीई किट का निर्माण किया जाता है. प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपनी योजनाओं के एलान के दौरान यह बताया की देश में ऐसे उत्पाद बनाए जाए, जो मेड इन इंडिया हो और मेड फॉर द वर्ल्ड हो। देश में आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया को रोजगार का बड़ा माध्यम बनाया जाए, रोजगार का अवसर बढ़ाने के लिए कई प्राथमिक क्षेत्रों की पहचान की गई है।
देश में कोरोना महामारी से लॉकडाउन के कारण छोटी दूकानें, रेहड़ी-पटरी, सड़क विक्रेता और फेरीवालों की आजीविका पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। इस समस्या को ख़त्म करने के लिए प्रधानमंत्री ने पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की। इस योजना के अंतर्गत रेहड़ी पटरी वालों, फेरीवालों और सड़क विक्रेताओं को सरकार द्वारा 10,000 रूपए लोन के रूप में दिया जा रहा है। इस लोन राशि के मदद से रेहड़ी पटरी वाले और सभी सड़क विक्रेता अपना काम फिरसे शुरू कर सकते है।
क्योंकि कोरोना वायरस के कारण पूरे देश के लॉकडाउन की स्थिति का सबसे ज्यादा बुरा असर देश के सुक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों, श्रमिकों, मजदूरों और किसानों पर पड़ा है। इन सभी नागरिकों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री ने देश के सुक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों, श्रमिकों, मजदूरों और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी आर्थिक पैकेज का ऐलान कर दिया है। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा चुने गए इन सभी लाभार्थियों को सबसे बड़ी सहायता राशी आर्थिक पैकेज के रूप प्रदान की जाएगी। केंद्र सरकार की इस मदद से भारत देश एक नई ऊंचाई की तरफ जायेगा।
कोविड-19 महामारी के कारण फैले संकट से जूंझते हुए MSME क्षेत्र के लिए सरकार ने MSMEs के लिए 16 अलग अलग प्रकार घोषणाएं की हैं। MSMEs ही देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते है।
क्योंकि ये सूक्षम, लघु और मध्य उद्योग(MSME) क्षेत्र ही भारत में लगभग 12 हजार करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराते है।
सरकार द्वारा MSMEs के लिए जो अहम घोषणाएं की गई हैं, वे इस प्रकार है- पहली घोषणा, MSMEs व्यवसाय के लिए 3 लाख करोड़ रूपए कोलेट्रल फ्री लोन है। दूसरी घोषणा, MSMEs के लिए 20,000 रूपए करोड़ का अधीनस्थ लोन है।
तीसरी घोषणा, 50,000 रूपए करोड़ की इक्विटी इन्फ्यूशन है। चौथी घोषणा में MSMEs की नई परिभाषा दी गई है। पांचवी घोषणा में निवेशों को आकर्षित करने के लिए ग्लोबल टेंडर की सीमा बढ़ाकर 200 करोड़ रुपये कर दी गई है। छठी घोषणा, MSMEs के लिए कई जरुरी बदलाव भी किये गए हैं। सातवीं घोषणा में व्यापार और श्रमिकों के लिए आने वाले 3 महीने के लिए 2500 करोड़ रुपये का EPF समर्थन दिया गया है। आठवीं घोषणा में 3 महीने के लिए व्यापारिओं और श्रमिकों के लिए EPF अंशदान को कम कर दिया गया है। नवीं घोषणा, 30000 करोड़ रुपये NBFCs, HC, MFI के लिए प्रदान की गई है। दसवीं घोषणा में NBFC के लिए 45000 करोड़ रुपये की आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना प्रदान की गई है। ग्यारहवीं घोषणा, DISCOM के लिए 30000 करोड़ रुपये की तरलता प्रदान की गई है। बारहवीं घोषणा में ठेकेदारों को राहत दी जायेगी। तेरहवीं घोषणा में रियल एस्टेट परियोजनाओं के पंजीकरण का विस्तार किया जाएगा। चौदहवीं घोषणा, DS-TCS कटौती के माध्यम से 50000 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की जायेगी। आदि।
कोविड-19 के बढ़ते संकट के इस दौर में सबसे बड़ी मार किसानों और मजदूरों पर पड़ी है. आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत तीन करोड़ किसानों को 4.22 लाख करोड़ रुपये का कृषि लोन का एलान किया गया है. इस योजना के तहत किसानों को 3 महीने तक लोन वापस करने की जरूरत नहीं है.
आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत मुख्यतः गरीब प्रवासिओं मजदूरों, गरीबों और किसानों के लिए की गई घोषणाएं इस प्रकार हैं- पहला योजना किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहायता प्रदान करने के लिए है। दूसरी योजना प्रवासी और शहरी गरीबों के लिए सहायता प्रदान करने के लिए है। तीसरीयोजना MGNREGS योजना है इसे प्रवासियों को वापस भेजने में सहायता के लिए बनाया गया है। चौथी योजना, श्रम संहिता में बदलाव करने के लिए है जिसके तहत श्रमिकों के लिए लाभ सुनिश्चित किया जाएगा। पांचवी योजना परवासिओं को 2 महीने के लिए मुफ्त भोजन की आपूर्ति के लिए है। छठी योजना के तहत, साल 2021 तक वन नेशन वन राशन कार्ड के लिए है जिसके द्वारा भारत में किसी भी उचित मूल्य की दुकान से प्रवासी अपने राशन कार्ड से राशन प्राप्त कर सकते है। सातवीं योजना में, प्रवासी और शहरी गरीबों के लिए किफायती किराये के आवास बनाने की पहल की जा रही है। आठवीं योजना के तहत, मुद्रा शिशु लोन के लिए 1500 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। नवीं योजन, सड़क विक्रेता औरफेरीवालों के लिए है जिसमे 5000 करोड़ रुपये की लोन राशि की सुविधा दी गई है। दसवीं योजना में मध्यम आय वर्ग को बढ़ावा देने के लिए 70000 करोड़ रूपए की घोषणा की गई है। ग्यारहवीं घोषणा में, सीएएमपीए फंड का उपयोग कर 6000 करोड़ रोजगार अवसर तैयार किये जा रहे है। बारहवीं योजना में, किसानों के लिए NABARD के माध्यम से 30000 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी की घोषणा की गई है। तेरहवीं घोषणा, किसान क्रेडिट कार्ड है जिसके माध्यम से 2.5 करोड़ किसानों को बढ़ावा मिलेगा. इस योजना के अंतर्गत 2 लाख रूपए की राशि सुनिश्चित की गई हैं।
हमारा देश निरंतर ही बड़ी से बड़ी जानलेवा बीमारियों से लड़कर जीतता आया है। और इसमें कोई शक नहीं की इस बार भी हमारा देश और देशवासी अपनी संकल्प शक्ति से कोरोना वायरस महामारी पर भी जीत हासिल कर ही लेंगे और अपनी इस जीत के बाद हम विश्व कल्याण और देश कल्याण में पुनः अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यतः 5 चीजों पर ध्यान केंद्रित करना होगा, जिसमें पहला- अर्थव्यवस्था (Economy), दूसरा- आधारिक संरचना (Infrastructure), तीसरा- प्रणाली (System), चौथा- जनसांख्यिकी (Demography), और पांचवां- मांग और आपूर्ति (Demand and Supply) है।
भारत के इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा उन महिलाओं से बात की जिन्हे उज्ज्वला योजना के तहत फ्री सिलेंडर का लाभ प्राप्त हुआ। इस वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक के दौरान उज्ज्वला स्कीम का लाभ प्राप्त करने वाली महिलाओं के जागरूकता अभियान को भी खूब सराहना मिली।
आपको बताते चले की देश में लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत 6 करोड़ 28 हजार गैस सिलेंडर बांटे और 8 हज़ार 432 करोड़ की राशि हितग्राहियों के खाते में डाली गई। जिन महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत फ्री गैस सिलेंडर के लाभ प्राप्त हुए उन्ही महिलाओं को अब स्थानीय उत्पादों की ब्रांड एंबेसडर बनाया जायेगा। देश में मेक इन इंडिया मुहीम और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए स्वदेशी उत्पादों के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है, इसलिए देश में ही बने उत्पादों के लिए बड़े पैमाने पर माहौल तैयार किया जा रहा है।
हमे कोरोना वायरस महामारी से लड़ते हुए दृढ़ संकल्प के साथ देश को विकास के नए मार्ग पर ले जाने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों को एक साथ जोड़ना होगा, जिससे देश को आत्मनिर्भर बनाने की यात्रा में एक नई गति मिलेगी। आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत देश के प्रवासी मजदूर, श्रमिक, किसान, MSMEs आदि सभी आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित राहत पैकेज देश के गरीब, मजदूरों के लिए है जो हर स्थिति में देश को बुलंदी और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करता है। इस पैकेज के माध्यम से सभी छोटे व्यवसायमालिकों और MSME को 20 लाख करोड़ की सहायता प्रदान की जायेगी, जो कि हर गरीब नागरिक की बेहतर आजीविका का साधन बनेगा।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा देश के किसानों की आय को दोगुना करने के लिए 11 घोषणाए की गई है। इन घोषणाओं का एलान किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए किया गया है। जिनमें पहला, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के लिए 11 लाख करोड़ रुपये का एलान किया गया है। दूसरा पैकेज 10, 000 करोड़ का है जिसे माइक्रो फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट्स के लिए घोषित किया गया हैं। तीसरा पैकेज में, 2000 करोड़ रूपए प्रधानमंत्री मातृ संपदा योजना के तहत मछुआरों और मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े किसानों के लिए आवंटित किये गए हैं। चौथा एलान, 15000 करोड़ रुपये का है, जो पशुपालन क्षेत्र के विकास के लिए किया जाएगा। अपने पांचवे एलान में केंद्र सरकार द्वारा हर्बल खेती के लिए 4000 करोड़ रुपये आवंटित किये जायेंगे। छठे पैकेज में, मधुमक्खी पालन क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रुपये का एलान किया गया हैं। सातवें पैकेज में, ऑपरेशन ग्रीन के विस्तार के लिए 500 करोड़ रुपये का एलान किया गया है जिसके तहत फलों और सब्जियों को स्टोरेज किया जाता है। आठवें एलान का इस्तेमाल, अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दालें, प्याज और आलू जैसे आवश्यक भोजन में संशोधन के लिए किया जाएगा। नवें घोषणा में, कृषि विपणन सुधारों को एक नए कानून के माध्यम से लागू किया जाएगा जो अंतरराज्यीय व्यापार के लिए बाधाओं को दूर करेगा। दसवें एलान के तहत, किसान को सुविधात्मक कृषि उपज के माध्यम से मूल्य और गुणवत्ता आश्वासन दिया जाएगा। और ग्यारहवें हिस्से में, ज्यादातर संरचनात्मक सुधारों से जुड़ा था, जो कुल मिलाकर 48,100 करोड़ का था.
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, गरीब, प्रवासी मजदूर, श्रमिक, पशुपालक, मत्स्यपालक, किसान, संगठित व असंगठित क्षेत्र के लोग, MSMEs आदि सभी इस राहत पैकेज के लाभार्थी होंगे। इस राहत पैकेज के माध्यम से MSMEs क्षेत्र से जुड़े 11 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा, 10 करोड़ से अधिक मजदूरों को लाभ मिलेगा, और कपडा उद्योग से जुड़े 4.5 करोड़ कर्मचारियों को भी लाभ होगा। ये आर्थिक पैकेज करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन बनेंगे। इस आर्थिक पैकेज से गरीब, प्रवासी मजदूरों, कर्मचारियों के साथ ही MSME और छोटे उद्यमियों को बहुत फायदा होगा।
आत्मनिर्भर भारत का स्वप्न आत्मनिर्भरता आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव हो पायेगा। इसलिये हम सभी को मिलकर देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए और आत्मनिर्भर भारत अभियान में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। क्योंकि आज यह महामारी पूरी दुनिया के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी है। इसलिए आज पूरी दुनिया को एकजुट होकर अपनी संकल्प शक्ति के साथ इस महामारी का सामना करना होगा और देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में अग्रसर करने के लिए अपना अहम योगदान देना होगा।