Sandalwood Business in India: आजकल के समय में हर व्यक्ति की चाहत है कि वह खुद का बिजनेस शुरू करें। लेकिन, बिजनेस शुरू करना कोई आसान काम नहीं है. इसके लिए सही प्लानिंग के साथ-साथ बहुत सारे निवेश की जरूरत है. कोरोना महामारी के बाद भारत में बेरोजगारी बहुत तेजी से बढ़ी है। अगर आप भी बेहतर रोजगार की तलाश कर रहे हैं तो नौकरी करने के बजाए खुद का बिजनेस शुरू करें।
अक्सर बिजनेस के मामले में सबसे पहला ख्याल लोगों के दिमाग में यही आता है कि किसी ऐसे समान को बेचा जाए जिसके उत्पाद में अधिक समस्या ना हो और जिससे कमाई भी अधिक हो। ऐसे में बिजनेस करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है चंदन की खेती। चंदन का उत्पादन (Sandalwood Business in India) एक ऐसा यूनिक बिजनेस आइडिया है जिससे आप कम समय में बड़ा मुनाफा कमा सकते है। चंदन कोई साधारण लकड़ी नही है। इसकी अंदर कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। भारत में चंदन से बने उत्पादों की मांग बहुत अधिक है। हमारे देश में पूजा सामग्री में भी चंदन का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा चंदन से जुड़े कुछ आध्यात्मिक तथ्य भी हैं जो इसे विशेष बनाते हैं। चंदन की माला, धूपबत्ती, अगरबत्ती, चंदन का पाउडर आदि की भारतीय बाजारों में अधिक डिमांड है।
चंदन की गुणवत्ता और बाजार में इसकी लगातार बढ़ती मांग को देखकर बहुत से लोगों ने चंदन की खेती और इसकी लकड़ी से बने उत्पादों का व्यवसाय करना (Sandalwood Business in India) शुरू कर दिया है। चंदन एक ऐसा उत्पाद है जिसकी मांग कभी नहीं घटती है। विशेषकर महिलाएं चंदन से बने सौंदर्य उत्पादों का इस्तमाल करना बहुत पसंद करती हैं क्योंकि चंदन एक प्राकृतिक उत्पाद है जो आपकी स्किन को बिना कोई नुकसान पहुंचाए निखारता है।
चन्दन एक ऐसा उत्पाद हैं जोकि काफी उपयोगी तो है लेकिन यह काफी कीमती भी है, जितनी इसकी बाजार में मांग रहती है उतना इसका उत्पादन नहीं है। इसकी मांग देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी अधिक होती है।भारत में प्रतिवर्ष कम से कम 7 हजार से 8 हजार टन तक चन्दन की लकड़ी का इस्तेमाल होता हैं लेकिन यदि इसके उत्पादन की बात की जायें तो वह प्रतिवर्ष केवल 100 टन ही होता है। इसलिए चंदन का बिजनेस करना एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
भारतीय बाजार में चंदन की लकड़ी की कीमत 6 हजार से लेकर 12 हजार रूपये प्रति किलोग्राम तक है। चंदन केवल एक प्रकार का नहीं होता है बल्कि इसकी कई प्रजातियां होती हैं। जिनमें सेंत्लम एल्बम बहुत ही अच्छी सुगंध वाली होती हैं और इसी में सबसे अधिक औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। चंदन की 16 प्रजातियों में सफेद चन्दन, सेंडल, अबेयाद, श्रीखंड, सुखद सेंडल आदि शामिल है. और इन्ही की खेती सबसे ज्यादा की जाती हैं। आप चाहें तो इनमें से किसी भी प्रजाति की खेती कर सकते हैं।
चंदन की खेती (Sandalwood Business in India) के लिए आपको किसी विशेष ट्रेनिंग की आवश्यकता नहीं होगी और ना ही इसके लिए आपको किसी विशेष तरह की मिट्टी तलाशनी होगी। चंदन की खेती सभी तरह की मिट्टी में की जा सकती है।
लेकिन कुछ ऐसी मिट्टी की किस्में हैं जिनमें चंदन की खेती करने से इसकी पैदावार काफी अच्छी होती है। उनमें रेतीली मिट्टी, चिकनी मिट्टी, लाल मिट्टी, काली दानेदार मिट्टी आदि शामिल हैं।
भारत की जलवायु फसलों और जैविक पैदावार के लिए बहुत अच्छी होती है। यहाँ ज्यादातर जगहों में चंदन[1] की खेती (Sandalwood Business in India) करने में कोई विशेष समस्या नहीं आएगी, लेकिन कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहाँ चंदन की खेती बिलकुल नहीं की जा सकती है इनमें कश्मीर, लद्दाख एवं राजस्थान का जैसलमेर आदि शामिल है। यहां का वातावरण एवं मिट्टी दोनों चंदन की खेती के लिए उपयुक्त नहीं हैं। क्योकि कश्मीर और लद्दाक में ठंड अधिक होती है और पानी जम जाता है वहीं राजस्थान जैसे रेतीली जगह में इसके पौधे नहीं लगाए जा सकते हैं। हालांकि भारत में चन्दन की खेती करने के लिए सबसे अच्छा और उपयुक्त स्थान हैं पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल का वन क्षेत्र इसके लिए सबसे सही है। यहां की मिट्टी अच्छी और अधिक उपजाऊ होती है।
चंदन उत्पादन व्यवसाय (Sandalwood Business in India) शुरू करने के लिए सबसे फल उचित जगह और मिट्टी का चुनाव करें और अगर जरूरत हो तो किसी एक्सपर्ट की सलाह लें । मिट्टी का चुनाव करने के बाद आपको चन्दन की खेती के लिए पौधे का चुनाव करना होगा यानी आप कौनसी प्रजाति के चंदन की खेती करना चाहते हैं। एक एकड़ जमीन में ज्यादा से ज्यादा 375 सफ़ेद चन्दन के पौधे लगाए जा सकते हैं। चन्दन के पौधों में ज्यादा पानी सिंचित नहीं करना होता हैं इसलिए इसके चन्दन के खेत में मेड़ बनाकर पौधे का रोपण किया जाता है। ये मेड़ कम से कम 10 फुट की दूरी पर बनाये जाते हैं। मेड़ के ऊपर चन्दन के जो पौधे लगाये जाते हैं उसी एक दूसरे से दूरी 12 फुट से कम नहीं होनी चाहिये। लेकिन पौधे लगाते समय कुछ बातों का भी ध्यान रखना है कि चन्दन के पौधे अकेले कभी नहीं लगाये जाते हैं। क्योंकि आप अगर चंदन को पौधे को लगाते हैं तो वो सूख जाएंगे।
क्योकि चन्दन अर्धपरजीवी पौधा होता है।चन्दन के एक पौधे की जितनी आयु होती हैं उसमें से आधा उसका खुद का जीवन होता हैं और आधा वह दूसरे पौधे की जड़ पर निर्भर करता है। इसलिए चंदन के पौधे के साथ अन्य कुछ पौधे भी लगाने होंगे। क्योकि ये चन्दन के विकास में सहायक होते हैं. इसलिए 375 सफेद चन्दन के आसपास 125 अन्य साथी पौधे भी लगाना आवश्यक है ।ये साथी पौधे लाल चन्दन, कैजुराइना, देसी नीम, मीठी नीम एवं सहजन के पौधे आदि हो सकते हैं।
चंदन की खेती (Sandalwood Business in India) बीज या पौधे दोनों में से किसी का भी रोपण करके किया जा सकता है। इसके लिए आप बीज या पौधे में से किसी भी चीज को खरीद सकते हैं। इसके बीज या पौधे खरीदने के लिए आपको केंद्र सरकार के लकड़ी विज्ञान एवं तकनिकी संसथान जोकि बंगलौर में स्थित है वहाँ से प्राप्त करना होगा। इसके अलावा भारत के उत्तरप्रदेश में भी एल्ब्सन एग्रोफ्रेस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक नर्सरी उपलब्ध है जहाँ से आपको इसके पौधे सहित खेती की जानकारी भी मिल जायेगी।
ऐसे तो कोई भी व्यक्ति इस व्यवसाय (Sandalwood Business in India) को शुरू कर सकता है। लेकिन व्यवसायिक रूप से देखा जाये तो आप चंदन की खेती कुछ विशेष सावधानी के साथ आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु आदि जैसे किसी भी राज्य में कर सकते हैं।
वैश्विक बाजार में पिछले कुछ सालों में चंदन की मांग में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है। चंदन पाउडर उत्पादन की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए बीते कुछ सालों में कई लोग इस व्यवसाय से जुड़े हैं। देश विदेश से कई युवाओं ने नौकरी को छोड़कर चन्दन का व्यापार (Sandalwood Business in India) शुरू किया है क्योंकि इस व्यवसाय में कम लागत में बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है। इसके साथ ही मार्केट में चंदन की डिमांड में पिछले कुछ सालों में बहुत ज्यादा बढ़त देखी गई है.
भारत समेत वैश्विक बाजारों में भी चंदन की मांग बहुत तेजी से बढ़ रहा है। लोग इसका व्यवसाय (Sandalwood Business in India) करके लाखों करोड़ों रुपये कमा रहे हैं। भारत में एक किलो चंदन की लकड़ी से 8 से 10 हजार रुपये की कमाई आप आसानी से कर सकते हैं। वहीं विदेशों में यह लकड़ी 20 से 30 हजार रुपये किलो में बिकती है। अगर आपके पास एक एकड़ का खेत हैं तो आप आसानी से 60 से 70 लाख रुपये सालाना की कमाई कर सकते हैं।
चंदन की खेती (Sandalwood Business in India) को लेकर अक्सर लोगों में एक अफवाह फैली रहती है की चंदन की खेती करने के लिए सरकार से लाईसेंस लेना पड़ेगा | जबकि ऐसा नहीं है, चंदन की खेती करने के लिए तो आपको किसी भी प्रकार का लाइसेंस लेने की आवश्यकता नहीं होगी लेकिन इसकी कटाई करने के लिए आपको सरकार से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना होगा जो की बड़ी आसानी से मिल जाता है। वन्य सुरक्षा के लिए सरकार पेड़ों को काटने से रोकती है और ऐसा करने पर सजा का भी प्रावधान है। इसीलिए आपको चंदन की कटाई करने से पहले सरकार से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना होता है| इससे जुड़ी एक दूसरी अफवाह यह होती है कि चंदन के वृक्ष में सांप होता है तो इसकी खेती करना आपकी सेहत के लिए हानिकारक होगा जबकि ऐसा नहीं है। चंदन के वृक्ष पर सांप होते हैं लेकिन उनसे पेड़ों में विष नहीं फैलता है यानी चंदन का औषधीय गुण ख़त्म नहीं होता है। लेकिन खेती और कटाई के समय अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।
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