
राजस्थान सरकार ने राज्य में बेरोजगारी की समस्या को ख़त्म करने तथा प्रदेश के युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए “मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना (Mukhyamantri Laghu Udhyog Protsahan Yojana)” की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत राजस्थान सरकार नए उद्यमियों को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए 10 करोड़ तक का लोन प्रदान करेगी। वे लोग जो स्वयं का व्यवसाय चाहते है या पहले से स्थापित व्यवसाय का विस्तार और आधुनिकीकरण करना चाहते है। वे इस योजना का लाभ ले सकते है। सरकार द्वारा योजना की राशि पर 5% से 8% तक सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है।
राजस्थान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के माध्यम से सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या को समाप्त करके रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है, साथ ही नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करके स्वरोजगार स्थापित करने की और बढ़ावा देना है। नए उभरे उद्यमियों तथा स्वरोजगार की चाह रखने वाले लोगो की वित्तीय सहायता करने के लिए ही सरकार ने इस लोन योजना की शुरुआत की है।
इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को सरकार द्वारा लोन के साथ साथ 5% से 8% तक की सब्सिडी भी प्रदान की जायेगी।
योजना के अंतर्गत बैंको के माध्यम से विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार आधारित उद्यम के लिए लोन उपलब्ध करवाया जाएगा। नए स्थापित होने वाले व्यवसाय के साथ साथ पूर्व स्थापित व्यवसाय भी अपने विस्तार तथा आधुनिककरण आदि के लिए योजना का लाभ उठा सकते है। व्यक्तिगत आवेदक (individual applicant) के साथ साथ संस्थागत आवेदक (स्वयं सहायता समूह/ सोसायटी/ भागीदारी फर्म / एल. एल. पी. फर्म/ कंपनी) भी योजना के तहत पात्र होंगे।
Mukhyamantri Laghu Udhyog Protsahan Yojana 2021 के अंतर्गत आवेदक ₹10,00,00,000 तक का लोन ले सकते है, इस योजना में सब्सिडी की दर 5% से 8% तक रखी गई है।
इस योजना के अंतर्गत ऋण का प्रकार समग्र ऋण (Overall debt), सावधि ऋण (term loan) तथा कार्यशील पूंजी ऋण (Working capital loan) हो सकता है। योजना के तहत ₹1000000 तक के ऋण के लिए किसी भी प्रकार की कॉलेटरल सिक्योरिटी की आवश्यकता नहीं होगी। आवेदक को बैंक द्वारा ₹1000000 तक का लोन बिना किसी साक्षात्कार के ट्रांसफर कर दिया जाएगा। 10 लाख से ऊपर का लोन पहले बैंक द्वारा जांच किए जाने के बाद डिस्टिक लेवल टास्क फोर्स कमेटी को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
ऋण सीमा:- इस योजना के अंतर्गत बैंको द्वारा विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार आधारित उद्यम की स्थापना तथा विस्तार के उद्देश्य हेतु सयंत्र एवं मशीन, फर्नीचर, उपकरण, कच्चे माल इत्यादि के लिए अधिकतम 10 करोड़ रूपए तक का ऋण उपलब्ध करवाया जायेगा। लोन का स्वरूप कम्पोजिट ऋण / सावधि एवं कार्यशील पूंजी होगा।
कोलैटरल सिक्योरिटी मुक्त लोन को प्रोत्साहन- भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा- निर्देशों के अनुसार 10 लाख रूपए तक के लोन पर कोलैटरल सिक्योरिटी की मांग नहीं की जायेगी। 10 लाख रूपए से अधिक के लोन को Credit Guarantee Trust Fund For Micro and Small Enterprises (CGTMSE) से जोड़ा जा सकेगा।
मुख्यमंत्री लघु उद्योग योजना में लाभार्थियों को पांच वर्षों के लिए जो लोन प्रदान किया जायेगा उस पर बैंकों द्वारा ब्याज सब्सिडी निम्न प्रकार से है:
सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का नाम “मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना” रखा गया है, जिसे 17 दिसंबर 2019 को शुरू किया गया था। इस योजना का कार्यक्षेत्र राजस्थान राज्य है। योजना के समापन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2024 है।
आवेदनकर्ता राजस्थान लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना में ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। योजना में आवेदन के लिए ऑफलाइन फॉर्म बैंको द्वारा प्रदान किये जायंगे। फॉर्म भरते समय आपको अपने आवश्यक दस्तावेज भी संलग्न करने होंगे। आपके आवश्यक दस्ताजवेजो के आधार पर ही आपको इस योजना में पात्र माना जाएगा।
निम्नलिखित आवेदक योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए पात्र नहीं होंगे:
(i) ऐसे आवेदक जिनके परिवार का कोई भी सदस्य किसी अन्य केंद्रीय/ राजकीय योजना में लाभान्वित हुआ हो, वे इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे।
(ii) ऐसे आवेदक जिनके परिवार में कोई भी सदस्य किसी वित्तीय संस्थान या बैंक का डिफाल्टर या दोषी हो, वे इस योजना के तहत पात्र नहीं होंगे।
योजना के अंतर्गत निम्न प्रकार की गतिविधियां योजना के तहत पात्र नहीं होंगे :-
(i) मांस, मदिरा व मादक पदार्थों से बने उत्पादों का निर्माण व विक्रय।
(ii) विस्फोट पदार्थ।
(iii) परिवहन वाहन, जिसकी ऑन-रोड कीमत 10 लाख रूपए से अधिक हो।
(iv) रीसायकल न किये जा सकने वाले पॉलीथिन या पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाने वाले प्लास्टिक उत्पाद।
(v) भारत सरकार / राज्य सरकार द्वारा समय – समय पर प्रतिबंधित उत्पाद या गतिविधियों।
राजस्थान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के माध्यम से सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या को समाप्त करके रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है, साथ ही नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करके स्वरोजगार स्थापित करने की और बढ़ावा देना है।
मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना राजस्थान सरकार द्वारा युवाओं को उद्यमशीलता व स्वरोजगार की ओर प्रेरित करने के लिए एक सराहनीय पहल है। योजना का उद्देश्य राजस्थान के शिक्षित व बेरोजगार युवाओं को आय-सृजन की गतिविधियों में शामिल करना है और अधिकांश जनता को स्वरोजगार की ओर प्रोत्साहित करना है।