
केंद्र सरकार ने एफएमई स्कीम PM Formalization of Micro Food Processing Enterprises Scheme) के तहत बिहार के 38 जिलों के लिए ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ODOP) की लिस्ट को मंजूरी दे दी है। एक जिला एक उत्पाद योजना बिहार (One District One Product बिहार) स्कीम के अंतर्गत स्वदेशी उद्योग जैसे कि लीची उत्पादन, मखाना उत्पादन, हथकरघा, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र उद्योग और परंपरागत उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा। एक जिला एक उत्पाद योजना बिहार के माध्यम से सरकार का उद्देश्य स्वदेशी निर्मित उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना और छोटे तथा मध्य उद्योग को वित्तीय सहायता मुहैया कराकर देश में उद्यमिता की अवधारणा को प्रोत्साहित करना हैं।
इसके अलावा देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम में नए स्टार्टअप्स को शामिल करना भी सरकार का लक्ष्य हैं। एक जिला एक उत्पाद योजना के जरिये सरकार की मंशा एमएसएमई के तहत स्वदेशी निर्मित उत्पादों को वित्तीय सहायता मुहैया कराकर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता में लाना है।
“एक जिला एक उत्पाद योजना बिहार” के अंतर्गत हर जिलों में एमएसएमई के तहत बने उत्पादों को इस स्कीम के जरिये वित्तीय सुविधाएं मुहैया करा कर छोटे उद्योगों में तेजी लाई जाएगी.
सरकार द्वारा जारी की गई इस सूची में बिहार के कई जिले शामिल है जिनमें सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर जिला भी है जो की अपनी शाही लीची उत्पादन के लिए जाने जाते हैं। हर साल यहां शाही लीची की पैदावार काफी अच्छी होती है। आपको बता दे की लीची की दूसरी प्रजातियों के मुकाबले मुजफ्फरपुर की शाही लीची काफी महंगे दामों में बेची जाती है। मुजफ्फरपुर की शाही लीची के अलावा इस सूची में दरभंगा के मखाना की खेती को भी शामिल किया गया है। दरभंगा का मखाना विश्व भर में निर्यात किया जाता है।
एक जिला एक उत्पाद योजना बिहार के माध्यम से राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य हर जिले के विशेष कौशल और उनके विशेष वस्तुओं के उत्पादन को संरक्षित करना और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित करके प्रतियोगिता में लाना है। ODOP बिहार योजना के माध्यम से राज्य में रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए जा सकेंगे जिससे वहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। एक जिला एक उत्पाद योजना बिहार से राज्य के प्रत्येक युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान करेगी। जिसके परिणामस्वरूप युवाओं के कौशल विकास के साथ साथ उनका आर्थिक विकास भी होगा। ODOP योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक सराहनीय योजना है, इससे युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त होंगे तथा उन्हें रोजगार की तलाश में अपना घर और शहर छोड़कर कही बाहर नहीं जाना पड़ेगा। सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना से राज्य में हर साल होने वाले पलायन को रोका जा सकेगा।
सरकार ने एक जिला एक उत्पाद योजना बिहार के तहत बिहार के 38 जिलों के उत्पादों को मंजूरी दे दी है। जिसमें अररिया का मखाना, अरवल के आम, औरंगाबाद की स्ट्रॉबरी, बांका के कतरनी चावल, बेगूसराय की लाल मिर्च, भागलपुर का जर्दालू आम, भोजपुर के मटर, बक्सर का मेंथा, दरभंगा का मखाना, पूर्वी चंपारण की लीची, गया के मशरूम, गोपालगंज का पपीता, जमुई के कटहल, जहानाबाद के मशरूम, कैमूर के अमरूद, कटिहार का मखाना, खगड़िया का केला, किशनगंज के अनानास, लखीसराय का टमाटर, मधेपुरा के आम, मधुबनी का मखाना, मुंगेर की नींबू घास, मुजफ्फरपुर की लीची, नालंदा के आलू, नवादा का पान का पत्ता, पटना का प्याज, पूर्णिया का केला, रोहतास का टमाटर, सहरसा का मखाना, समस्तीपुर की हल्दी, सारण के टमाटर, शेखपुरा का प्याज, शिवहर के मोरिंगा, सीतामढ़ी की लीची, सीवान का मेंथा या पुदीना, सुपौल का मखाना, वैशाली का शहद और पश्चिमी चंपारण के गन्ने की खेती आदि शामिल हैं।
कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC)स्कीम:- कॉमन फैसिलिटी सेंटर स्कीम के तहत MSME[1] के किसी भी प्रोजेक्ट की 90 फीसद तक लागत के लिए राज्य सरकार के द्वारा लोन दिया जाएगा।
मार्केटिंग डेवलपमेंट असिस्टेंस स्कीम:-मार्केटिंग डेवलपमेंट असिस्टेंस स्कीम में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किए जाने वाले प्रतियोगिताओं और मेलों के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें एक जिला एक उत्पाद योजना प्रोग्राम के तहत आने वाले उत्पादों की बिक्री और मेलों में डिसप्ले के लिए इस सहायता राशि का इस्तेमाल किया जाता है।
फाइनेंस असिस्टेंस स्कीम:- फाइनेंस असिस्टेंस स्कीम के तहत प्रोजेक्ट के कुछ हिस्सों को शुरू करने के लिए लोन दिया जाता है। प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए कोई भी उद्यमी आवेदन कर सकते हैं और उसी के आधार पर उन्हें सब्सिडी के रूप में राशि प्रदान की जाएगी।
स्किल डेवलपमेंट स्कीम:- स्किल डेवलपमेंट स्कीम के तहत कारीगरों और युवाओं को सरकार की तरफ से मान्यताप्राप्त इंस्टिट्यूट में काम की ट्रेनिंग दी जाती है जहां से उन्हें एक सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत कारीगर को 10 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग की अवधि खत्म होने पर कारीगर को एडवांस टूल किट सरकार की ओर से मुफ्त में दी जाती है ताकि वह बिना किसी परेशानी के अपना काम शुरू कर सके।
एक जिला एक उत्पाद योजना बिहार के माध्यम से सरकार का मुख्य उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है। साथ ही राज्यों में निर्मित विशेष उत्पादों को सुरक्षित करके उन्हें प्रोत्साहित करना हैं और इन्हे विश्व स्तर पर पहचान दिलाना है। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार की मंशा स्वदेशी निर्मित उत्पादों के खरीद और इस्तेमाल को बढ़ावा देकर वोकल फॉर लोकल और मेक इन इंडिया मुहीम को आगे बढ़ाना है।
इस योजना के तहत सरकार दो महत्वपूर्ण पहलुओं पर काम कर रही है- जिसमे पहला है रोजगार सृजन और दूसरा राज्य में लघु उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देना है। हमारी संस्था आत्मनिर्भर सेना, देश के सभी युवा एवं महिला उद्यमियों को लघु उद्योग स्थापना के लिए प्रोत्साहित करती है। इसके साथ ही हम राज्य में लघु उद्योग के उथान के लिए भी निरंतर कार्य कर रहे हैं। आत्मनिर्भर सेना में, हम लघु उद्योगों के उत्थान में अपनी भूमिका निभा रहे हैं, और हम इस पहल के तहत उद्यमिता क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
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