
मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना की शुरुआत 10 अगस्त 2020 को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी जी के द्वारा की गई थी। इस योजना के अंतर्गत किसानों को प्राकृतिक आपदा के कारण खराब हुई फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिया जाएगा।
हर साल किसानों को प्राकृतिक आपदा की मार झेलनी पड़ती है। देश में आई प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, बारिश या सूखा पड़ने के कारण किसानो की फसल को बहुत नुकसान पहुँचता है। जिसके कारण किसान अपनी जीविका नहीं चला पाते और उनके ऊपर कर्ज का बोझ बढ़ जाता है। कई बार ऐसा देखा गया है की इन्हीं कर्जों के बोझ के कारण कई किसान आत्महत्या कर लेते हैं।
मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना के माध्यम से सरकार का उद्देश्य किसानों की खराब फसलों के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें आर्थिक सहायता मुहैया कराना है जिससे उनके ऊपर किसी प्रकार के कर्ज का बोझ ना पड़े और उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो सके।
मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना के तहत यदि किसी भी प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की 33 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक फसल खराब हुई है तो गुजरात सरकार द्वारा प्रत्येक किसानो को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जायेगा। इस योजना के अंतर्गत गुजरात राज्य के लगभग 56 लाख किसानों को योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा।
देश में आई प्राकृतिक आपदा के कारण फसलों को बहुत नुकसान होता है और किसानों को बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को देखते हुए गुजरात सरकार[1] ने ऐसे किसानों को जिनकी फसलें किसी भी आपदा के कारण प्रभावित हुई है उन्हें लाभ पहुंचाने और उन्हें वित्तीय सहायता मुहैया कराने के लिए ही मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना की घोषणा की है। मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना में लाभार्थियों को दो श्रेणियों में बाटा गया है। जिसके तहत पहली श्रेणी में यदि किसानों की फसलें किसी भी प्राकृतिक आपदा के कारण 33 प्रतिशत से अधिक नष्ट हुई है तो उन्हें अधिकतम चार हेक्टेयर के हिसाब से प्रति हेक्टेयर के लिए 20,000 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। और दूसरी श्रेणी में जिन किसानों की 60 प्रतिशत से अधिक फसलें प्राकृतिक आपदा के कारण नष्ट हुई है उन्हें प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 25 हजार रूपये की वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे किसानों को आर्थिक सहायता मुहैया कराकर उनके कर्ज के बोझ को कम करना है। सरकार द्वारा दी जाने वाली इस आर्थिक सहायता से किसान अपने आजीविका को बेहतर ढंग से चला सकेंगे और उन्हें कर्ज के कारण मजबूर होकर कोई दुखद कदम भी नहीं उठाना पड़ेगा।
सरकार द्वारा शुरू की गई इस बेहतरीन योजना से देश के किसान आत्मनिर्भर बनेंगे और कृषि क्षेत्र में पहले से अधिक उत्साह और रूचि से काम कर सकेंगे।
इस योजना के तहत किसानो को सरकार द्वारा दी जाने वाली इस वित्तीय सहायता को भरने के लिए किसी भी प्रीमियम का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। सरकार की इस सराहनीय पहल से किसान बिना किसी चिंता के पूर्ण उत्साह के साथ और पहले से अधिक लगन के साथ कृषि करेंगे।
मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना के अंतर्गत कुछ नियम बनाए गए हैं जिसके अनुसार किसानों को केवल इन्हीं परिस्थितियों में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। जो की निम्न प्रकार से हैं:
गुजरात सरकार की तरफ से अभी सिर्फ इस योजना के शुरुआत की घोषणा की गई है। इस योजना को लागू होने में अभी समय लगेगा। इसलिए सरकार की तरफ से आवेदन की प्रक्रिया और आवश्यक पात्रता मानदंडों से संबंधित किसी भी प्रकार की कोई भी दिशा निर्देश जारी नहीं किये गए है। मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना में आवेदन करने के लिए राज्य के निवासियों को अभी प्रतीक्षा करनी होगी। गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रुपाणी जी का कहना है की जल्द ही इस योजना की शुरुआत की जाएगी।
मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना के अंतर्गत लाभार्थियों की अलग अलग सूची तैयार की जाएगी। जिसमें पहली सूची उन लाभार्थियों के लिए तैयार की जाएगी जिनकी 33 प्रतिशत तक फसल आपदा के कारण खराब हुई होंगी। योजना के तहत दूसरी सूची उन लाभार्थियों के लिए तैयार की जाएगी जिनकी 60 प्रतिशत तक फसल आपदा के कारण खराब हुई होंगी।
हम सभी जानते हैं कि भारत एक कृषि-आधारित राष्ट्र है। और बहुत से परिवारों की आजीविका पूरी तरह से कृषि पर ही निर्भर हैं। इसलिए, देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और किसानों को अधिक समर्थन देने के लिए, गुजरात सरकार ने मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना की शुरुआत की है।
आत्मनिर्भर सेना में, हम योजना के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं और इस योजना का लाभ उठाने में किसानों की सहायता के लिए हमेशा तैयार हैं।
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