
Investment in Bihar 2022: बिहार भारत का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, जो देश की कुल आबादी का 9% है।
104.1 मिलियन की कुल आबादी वाला बिहार, भारत का सबसे घनी आबादी वाला राज्य है। यदि यह एक स्वतंत्र देश होता तो यह दुनिया में 13 वां सबसे अधिक आबादी वाला देश होता। बिहार की 58% से अधिक जनसंख्या 15-59 वर्ष के कामकाजी आयु वर्ग में है।
बिहार भारत के सबसे मजबूत कृषि राज्यों में से एक है और राज्य की लगभग 80% आबादी इस क्षेत्र में लगी हुई है
पूर्वी और उत्तरी भारत और नेपाल के विशाल बाजारों के निकट होने के कारण बिहार को एक अद्वितीय विशिष्ट स्थान का लाभ प्राप्त है। इसके अलावा बिहार भारत के दूसरे राज्यों से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और इसमें 5,421 किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, बिहार में रेल मार्ग की लंबाई 3,720 किलोमीटर है जो इसे व्यापार के लिए अत्यंत सुगम बनाता है।
बिहार के बोधगया में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और पटना में एक घरेलू हवाई अड्डा है। स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग कैमूर, सासाराम, औरंगाबाद, गया और पटना जिलों से होकर गुजरता है, जो राज्य को देश के प्रमुख मेट्रो शहरों से जोड़ता है।
बिहार में व्यापार (Investment in Bihar 2022) के नए अवसर काफी हैं क्योंकि ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बिहार से होकर गुजरता है, जो पूर्वी भारत जैसे कोलकाता और हल्दिया में बंदरगाहों तक कच्चे माल के स्रोतों और पड़ोसी राज्यों में खनिज भंडार तक पहुंच प्रदान करता है।
भारत में बेरोजगारी और गरीबी दूर करने के लिए सरकारी योजनाओं की कोई कमी नहीं है। बिहार में मनरेगा से लेकर पीडीएस राशन वितरण जैसी सभी सरकारी सहायताओं को बढ़ाया गया है। लेकिन सवाल ये उठता है की इतनी योजनाओं और सरकारी मदद के बावजूद आखिर बेरोजगारी पर नियंत्रण क्यों नहीं पाया जा सका है।
इसका जवाब यह है की बिहार के लोग पलायन पर अधिक विश्वाश करते हैं। यहां की ज्यादातर आबादी स्वरोजगार स्थापित करने के बजाय दूसरे शहरों जाकर नौकरी करना पसंद करते हैं। इसी कारण यहां कि गरीबी दर में बढ़ोत्तरी हुई है। बिहार के शिक्षित युवाओं को बिहार रहकर स्वरोजगार स्थापित करना चाहिए जिससे ना केवल उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी बल्कि दूसरे लोगों को भी रोजगार मिल पायेगा
बिहार में किस प्रकार के उद्योगों के लिए हैं अधिक संभावनाएं
बिहार की 80% से अधिक जनसंख्या कृषि और कृषि आधारित कार्यों पर ही निर्भर है। बिहार भारत में सब्जियों का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है। साथ ही चावल, गेहूं, मक्का तथा दलहन के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। लेकिन आज के समय में युवा कृषि को छोड़कर जॉब की तलाश में रहते हैं।
बदलते समय के साथ बिहार के युवा कृषि छोड़कर दूसरे शहरों में नौकरी करना पसंद कर रहे हैं। ज्यादातर अशिक्षित लोग बाहर जाकर दिहाड़ी मजदूरी करने को भी मजबूर हैं। युवाओं की रूचि कृषि से हटती रही है। बिहार में कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने लोन योजना की शुरुआत की है जिससे युवाओं को कृषि क्षेत्र के प्रति आकर्षित किया जा सकेगा और राज्य में कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। बिहार में आधुनिक कृषि और उद्योग आधारित कृषि करके युवा अपने राज्य में ही अच्छी कमाई कर सकते हैं।
बिहार मूल रूप से कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था है। 2019-20 में राज्य में कुल सब्जी उत्पादन 16.9 मिलियन टन था, जो सभी राज्यों में चौथा सबसे अधिक था।
राज्य सरकार विभिन्न फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट्स जैसे फल और सब्जियां, खाद्यान्न, दूध, मांस और शहद प्रसंस्करण यूनिट्स को प्रोत्साहन प्रदान करती है।
बिहार में फ़ूड प्रोसेसिंग बिज़नेस (Investment in Bihar 2022) शुरू करके अच्छी कमाई की जा सकती है। बिहार में आने वाले टूरिस्ट यहाँ के बने नेचुरल फ़ूड आइटम्स को खाना और खरीदना पसंद करेंगे। ये तो हम सभी जानते हैं की बिहार का मुजफ्फरपुर अपनी शाही लीची के लिए मशहूर है साथ ही कई जिले अपने आम उत्पादन मखाना उत्पादन के लिए भी मशहूर हैं। ऐसे में जो भी पर्यटक बिहार घूमने आयंगे वे यहां की विश्वप्रसिद्ध शाही लीची का स्वाद लेना जरूर चाहेंगे। इसके अलावा लीची या मखाना फ़ूड प्रोसेसिंग बिज़नेस शुरू करके भी राज्य को बहुत फ़ायदा होगा। यहां आने वाले पर्यटक बिहार में उत्पादन (Investment in Bihar 2022) होने वाले खाद्य पदार्थ तथा यहां बनने वाली चीज़े जैसे की रेशम की साड़ी और मुजफ्फरपुर में बनने वाले लहठी को जरूर खरीदना चाहेंगे इससे ना सिर्फ कारोबारियों का फ़ायदा होगा बल्कि स्टेट जीडीपी बहुत फ़ायदा होगा।
बिहार में टेक्सटाइल और लेदर उद्योग (Investment in Bihar 2022) एक अत्यधिक श्रम प्रधान उद्योग है, और यह लगभग 100,000 कपड़ा कारीगरों का घर है।
भागलपुर का टसर रेशम बिहार का एक विशिष्ट उत्पाद है, जिसमें प्रीमियम मूल्य प्राप्त करने की क्षमता है। 2014-15 के दौरान बिहार ने लगभग 60 टन रेशम का उत्पादन किया था। बिहार में 14000 पावरलूम मुख्य रूप से भागलपुर, गया और बांका जिलों में केंद्रित हैं। राज्य ने 2014-15 में लगभग 1420 हजार टन जूट का उत्पादन किया।
बिहार ने पहले ही कई सिटीजन सेंटेरेड गवर्नेंस इनिशिएटिव के कार्यान्वयन के साथ आईटी और ईएसडीएम उद्योग के विकास की शुरुआत कर दी है, और आईटी सिटी, आईटी टॉवर और आईटी जैसे अत्याधुनिक आईटी बुनियादी ढांचे की स्थापना की योजना बना रही है।
बिहार प्रमुख सुधारों और रणनीतिक पहलों को लागू करने की प्रक्रिया में भी है जो राज्य को इस क्षेत्र में अपनी परिकल्पित विकास योजना में तेजी लाने में मदद करेगा।
भारत का राज्य बिहार अपनी प्राचीन धरोहर के लिए भी जाना जाता है। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से बिहार उन महत्वपूर्ण जगहों में से एक है जहां आज भी काफी पुराने अतीत से जुड़े कई प्राचीन अवशेषों को देखा जा सकता है। बिहार का नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया का पहला और सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय है। बिहार ही वह ऐतिहासिक जगह है जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। दुनियाभर में फैले बौद्ध धर्म की जड़े बिहार से ही शुरू हुई हैं। केवल यही नहीं ऐसी बहुत सी ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है बिहार में, जो बिहार के गौरवपूर्ण इतिहास की गवाही देते हैं जरुरत है तो बस इनके वास्तविक मूल्यों को पहचानने की।
बिहार में पर्यटन (Investment in Bihar 2022) का विकास करके बिहार के गौरवपूर्ण और प्राचीन इतिहास को फिर से जीवित किया जा सकता है। सरकार को इन प्राचीन धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण करके यहाँ पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए। बिहार सरकार को इसके लिए प्रमोट करना चाहिए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को बिहार के प्राचीन इतिहास और यहां की धरोहरों के बारे में जानकारी मिले। पर्यटन को बढ़ावा देकर बिहार में विकास की दर भी बढ़ेगी।
बिहार में सालाना दो करोड़ देसी पर्यटक तथा दस लाख विदेशी पर्यटक आते हैं। बोधगया के लिए जो विदेशी पर्यटक आते हैं, पर्यटन विभाग को उन्हें बिहार के दूसरे धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर के प्रति आकर्षित करना चाहिए। उनके लिए बेहतर परिवहन, होटल एवं लोकल गाइड, टूर गाइड की सुविधा मुहैया करानी चाहिए। पर्यटकों की सुविधा के लिए लोकल गाइड को बेहतर से बेहतर जानकारी के लिए ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। बोधगया में हर साल तीन से चार लाख विदेशी पर्यटक आते हैं।
बिहार में बेरोजगारी (Investment in Bihar 2022) लंबे समय से एक बड़ी समस्या रहा है। कोरोना महामारी के कारण हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों को घरवापसी करनी पड़ी और बिहार सरकार के सामने इतनी बड़ी आबादी को एक साथ रोजगार मुहैया कराने की चुनौती खड़ी हो गई।
पिछले कुछ महीनों में लॉकडाउन के कारण रोजगार की भारी कमी देखने को मिली है। लोगों के पास रोजगार के कोई दूसरे विकल्प उपलब्ध नहीं थे। रोजगार की तलाश में जिन लोगों ने पलायन किया था, लॉकडाउन के चलते उनके लिए ये रास्ता भी बंद हो गया था। ऐसे में लोगों सरकार के सामने एक बड़ा संकट आ खड़ा हुआ था। राज्य में भीषण बेरोजगारी की समस्या को देखते हुए बिहार सरकार ने लोगों को स्वयं का व्यवसाय स्थापित करने के लिए लोन योजनाओं की शुरुआत की। इस योजना के माध्यम से बिहार में उद्योग (Investment in Bihar 2022) के कई क्षेत्रों को बढ़ावा देने का प्रयास भी किया जा रहा है।
हमारी संस्था आत्मनिर्भरसेना युवाओं को उद्योग लाइसेंस के लिए संपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। आत्मनिर्भरसेना में व्यवसायिक एक्सपर्ट्स के द्वारा युवाओं को उद्योग स्थापना (Investment in Bihar 2022) से लेकर जरुरी सर्टिफिकेट व अन्य दस्तावेजों की भी संपूर्ण जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही हमारी संस्था नए उभरते उद्यमियों को वित्तीय लाभ दिलाने के लिए भी सहायता करती है।
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