
मई के महीने में जब कोरोना महामारी भारत में अपने चरम पर थी और दुनिया की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित कर चुकी थी, तो देश के प्रधान मंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने देश को संकट से उबारने तथा अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए 20 लाख करोड़ की राहत पैकेज का एलान किया. इस राहत पैकेज का एलान करने के दौरान देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने यह एलान किया कि 20 लाख करोड़ की जो राहत पैकेज है उसमे तीसरी किस्त सिर्फ कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों के लिए है. राहत पैकेज की घोषणा के साथ 11 बड़ी योजनाओं के ऐलान भी किये गए हैं.
इस घोषणा के दौरान 8 ऐलान किसानों, पशुपालकों, मछुआरों को खेती में बुनियादी ढ़ांचे के विकास से जुड़े थे और इसके अलावा तीन ऐलान सरकार ने कृषि क्षेत्र में आ रही कानूनी अड़चनों को ख़त्म करने के लिए किये गए थे.
राहत पैकेज की तीसरी किस्त के रूप में कुल 1.65 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज की घोषणा कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों के लिए की गई थी.
1. एक लाख करोड़ रूपए कृषि क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए
सरकार ने कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचों को ठीक करने के लिए 1 लाख करोड़ रूपए की राहत पैकेज का एलान किया. इस योजना का लाभ नए स्टार्टअप, किसान, उत्पादक संघ जैसे कई संगठन भी उठा सकेंगे.
इस योजना के माध्यम से किसानों की आय बढ़ेगी और कृषि उपज के स्टोरेज जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा.
2. 13,342 करोड़ रूपए का एलान राष्ट्रीय पशु बीमारी नियंत्रण कार्यक्रम के लिए
हमारे देश में सबसे अधिक पशु पालन किया जाता हैं, देश में ऐसे कई किसान भी है जो पशु पालन का व्यवसाय करते है जिसमें गाय पालन, मछली पालन और बकरी पालन आदि जैसे व्यवसाय शामिल है. पशुओं के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को देखते हुए सरकार ने 13,342 करोड़ रूपए के पैकेज का एलान किया. यह योजना मुख्यतः 53 करोड़ पशुओं के टीकाकरण की योजना पर ही आधारित हैं. इस योजना के माध्यम से पशुओं की चिकित्सा तथा टीकाकरण किया जाएगा जिसे पशुओं को मुंहपका और खुरपका जैसे रोगों से मुक्ति मिलेगी.
3. 10 हजार करोड़ की स्कीम का एलान छोटी फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट्स के लिए
सरकार ने अपने ऐलान में सूक्षम खाद्य इकाई (Micro Food Units) क्षेत्र के लिए 10,000 करोड़ रूपए की योजना का ऐलान किया है. इस योजना के माध्यम से फ़ूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में भागीदारी करने वाली छोटी फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को बहुत फायदा होगा। इन योजनाओं का फायदा मखाना उद्योग, रागी, केसर, मिर्च और आम जैसे खाद्य पदार्थो का उत्पादन करने वाली छोटी यूनिट्स उठा सकती है। इन उत्पादन की गई चीजों से सेहत और नुट्रिशन तो मिलेंगे ही साथ ही किसानों की आय में भी बहुत वृद्धि होगी।
4. हर्बल पौधों को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़ रूपए का एलान
इन सभी 11 बड़ी योजनाओं में एक योजना हर्बल पौधे उत्पादन के लिए भी लाई गई है। जिसके तहत देश में हर्बल पौधे के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 4000 करोड़ रूपए की योजना की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 10 लाख हेक्टेयर की भूमि में हर्बल पौधों की खेती की जायेगी। सरकार घोषणा की है की गंगा नदी के किनारे अमूमन 800 हेक्टेयर की भूमि पर हर्बल चीजों के उत्पादन के लिए कॉरिडोर बनाए जायेंगे. इस योजना से किसानों की आय बढ़ेगी और देश में हर्बल प्रोडक्ट्स को भी बढ़ावा मिलेगा.
5. 20 हजार करोड़ रुपये का एलान प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए सरकार ने 12000 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की है।
इस योजना के अंतर्गत मत्स्य पालन किसानों को आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसके साथ ही सरकार ने 9,000 करोड़ रुपये सिर्फ मछली पालन व्यवसाय से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने पर इस्तेमाल किया जाएगा. सरकार ने यह भी एलान किया की इस योजना में मछुआरों को नई नाव दी जाएंगी.
6. 15000 करोड़ रुपये का एलान पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए
देश में पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सरकार 15,000 करोड़ रुपये की योजना का एलान किया है. इस योजना के माध्यम से पशुपालन और डेयरी उत्पादन में युवाओं की भागीदारी और निवेशों को बढ़ावा मिलेगा. इस योजना का नाम एनिमल हस्बेंडरी डेवलपमेंट रखा गया है.
7. टॉप टू टोटल के लिए 500 करोड़ रूपए का एलान
सरकार ने इन योजनाओं की एलान के दौरान यह बताया की देश में ऑपरेशन ग्रीन का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया की ऑपरेशन ग्रीन में पहले टमाटर, प्याज और आलू आदि शामिल थे लेकिन अब इसमें सभी फल और सब्जिया आदि भी शामिल होंगे। इस योजना के विस्तार के लिए 500 करोड़ रूपए की वित्तय सहायता का एलान किया गया है। इस योजना के अंतर्गत ख़राब होने वाले खाद्य पदार्थ का ध्यान रखा जाएगा, इसके साथ ही फल और सब्जियों के देखरेख व्यवस्था पर 50% और उनकी स्टोरेज पर 50% सब्सिडी दी जाएगी.
8. 500 करोड़ रूपए का एलान मधुमक्खी पालकों के लिए
सरकार ने मधुमक्खी पालन क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रूपए की आर्थिक पैकेज का एलान किया है।
इस योजना के अंतर्गत मधुमक्खी पालन क्षेत्र और उनसे जुड़े किसानों के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा जिससे मधुमक्खी पालन को बढ़ावा मिलेगा और शहद का उत्पादन भी बढ़ेगा. इस योजना के माध्यम से मधुमक्खी पालन क्षेत्र से जुड़े 2 लाख किसानों की आय में वृद्धि होगी.
9. किसानों को छूट जहां चाहें वहां बेच सकेंगे अपनी फसल
भारत के किसानों को अपना उत्पादन सिर्फ APMC लाइसेंस धारकों को ही बेचना पड़ता है. देश के किसानों को उनके उत्पाद किये सामान की सही कीमत दिलाने और दूसरे राज्यों बाज़ारों तक उनकी पहुंच बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कानूनों में कुछ जरुरी बदलाव किये जाएंगे. इन बदलावों के तहत किसानों को देश किसी भी राज्य में अपना उत्पाद बेचने की छूट दी जायेगी. जिससे किसानों को उनके उत्पादों की सही कीमत प्राप्त होगी और उनकी आय में वृद्धि होगी.
10. किसानों के उत्पीड़न पर लगेगी रोक
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने अपने 11 बड़े एलान में से एक एलान यह भी किया की किसानों के लिए ऐसे कानून बनाए जाएंगे, जिसके तहत खेती के लिए आसान और जोखिम रहित उपाय लाए जाएंगे और इसके अलावा फसलों की गुणवत्ता को बढ़ाया जाएगा, जिससे किसानों को एक निश्चित आमदनी होगी. इस योजना के माध्यम से किसान खुदरा व्यापारी, निर्यातकों के साथ पारदर्शिता के साथ काम कर सकेंगे जिससे किसानों के उत्पीड़न पर रोक लगेगी.
11. एसेंशियल कमोडिटीज़ एक्ट में बदलाव
ऐसा देखा गया है की कई बार फसलों की उत्पादन में उतार चढ़ाव के कारण किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है और कई बार तो उन्हें अपनी फसलों को कम दाम पर ही बेचना पड़ता है. इन्हीं समस्याओं से बचाव के लिए सरकार ने कृषि क्षेत्र में भागीदारी और निवेश बढ़ाने के लिए एसेंशियल कमोडिटीज़ एक्ट में सरकार द्वारा कुछ जरुरी में बदलाव किये जायेंगे.