देश के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने तथा मत्स्य पालन क्षेत्र को में निर्यात को बढ़ाने के लिए माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मछली पालन लोन योजना की शुरुआत की है | इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश मछली पालन व्यवसाय की क्षमता को बढ़ाना और इस क्षेत्र के विकास के लिए एक उत्तम वातावरण तैयार करना है, इसके साथ ही मत्स्य पालन व्यवसाय में स्थिरता, जैव – सुरक्षा और पर्यावरण संबंधित चिंताओं को ध्यान में रखते हुए मछुआरों तथा किसानों की आय में वृद्धि करना है |
आत्मनिर्भर सेना में हम, देश के मछली पालन व्यवसाय से जुड़े किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और मछली उत्पादन क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा युवा उद्यमिओं को शामिल करने तथा उनका उत्साह बढ़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है। हमारा संगठन आत्मनिर्भर सेना, मछली पालन व्यवसाय शुरू करने वाले किसानो के मार्ग में आने वाली हर बाधाओं को दूर करने तथा उन्हें सभी जरुरी उपकरणों से लेस करने के लिए संपूर्ण रूप से समर्पित है.
देश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए जितनी भी योजनाएं अभी तक बनाई गई है उन सभी को एक साथ सम्मिलित करके इसका नाम नीलीक्रांति रखा गया। इस मछली पालन लोन योजना में मत्स्य बीज उत्पादन, मत्स्य की मार्केटिंग, मछुआरा बीमा समेत मत्स्य विकास के सारे सेक्टरों को रखा गया है।”
मछली पालन व्यवसाय एक बहुत ही फायदेमंद व्यवसाय है, भारत में लगभग 70% लोग मछली का सेवन करते हैं। हाल में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार मछली पालन व्यवसाय में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है. देश में मछलिओं की बढ़ती मांग और इसकी कंसम्पशन को देखते हुए ऐसा कहा जा सकता है की भारत में मत्स्य पालन व्यवसाय का भविष्य आशाजनक है। अगर आप मछली पालन व्यवसाय (Fish Farming Business) शुरू करना चाह रहे है तो यह एक बहुत ही अच्छा विचार है। इस व्यवसाय के माध्यम से आप हर साल अच्छी रकम कमा सकते है। Fishery business में कड़ी मेहनत और अच्छे प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के साथ आप अपने व्यवसाय को विदेशों तक भी पहुंचा सकते हैं। मत्स्य पालन व्यवसाय (Fish Farming Business) को शुरू करने में आपको ज्यादा पूँजी की आवश्यकता नहीं है, आप इसे कम लागत के साथ शुरू कर सकते हैं. देश में मछलिओं की बढ़ती मांग और यहां की अनुकूल जलवायु और वातावरण के कारण यह व्यवसाय हमेशा मुनाफे में रहेगा।
मछली पालन लोन योजना का मुख्य उद्देश्य साल 2022 तक देश में मछली का उत्पादन 15 मिलियन टन तक बढ़ाना है। यह योजना किसानों और युवाओं के लिए रोजगार के एक सुनहरे अवसर के रूप में उभरी है। इस योजना के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति मछली पालन व्यवसाय शुरू करना चाहता है तो वह नीली क्रांति योजना के तहत जितनी भी योजनाएं सम्मिलित की गई है उनका लाभ उठा सकता है और अपनी आय को बढ़ा सकता है।
सरकार द्वारा शुरू की गई इस मछली पालन लोन योजना के तहत सामान्य वर्ग के लोगो को 40 प्रतिशत तक की राशि दी जाती है और कमजोर वर्ग यानी महिला, SC, ST आदि को 60 प्रतिशत तक की राशि दी जाती है। 20 लाख रुपए के वाले प्रोजेक्ट में से आवेदक को 5 लाख रुपए खुद देना होगा। बाकी 7 लाख 50 हजार रुपए केंद्र सरकार और 3 लाख 75 हजार रुपए राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा।
Fishery business में होने वाला मुनाफा आपके मेहनत, प्रदर्शन, कार्यशैली, एवं विपणन ज्ञान पर निर्भर करता है. इस व्यवसाय की लोकप्रियता और मछलिओं की मांग के कारण इस क्षेत्र में मुनाफा निश्चित है, उदाहरण के लिए, यदि आप इस व्यापार में एक लाख रुपय लगाते हैं, तो आपको इसके 3 गुना तक लाभ हो सकती है.
मछली पालन व्यवसाय की शुरुआत में आप रोहू, सिल्वर क्रॉप, टूना, कॉमन क्रॉप आदि मछलिओं का चुनाव कर सकते है। बाजारों में इन नस्लों की मछलिओं की मांग हमेशा बनी रहती है. इसके आलावा, मछली पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए आप मत्स्य पालन विभाग से मछली और व्यवसाय से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त कर सकते है। देश के अधिकतम शहरों में यह विभाग मछली पालन किसानों की मदद के लिए उपलब्ध है। इसके साथ ही आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की जिस मछली चुनाव आप कर रहे है उनमे माहौल और जलवायु के हिसाब से ढलने की छमता होनी।
मछलिओं का चुनाव करते समय इस बात का भी ध्यान रखे की जिस मछली का चुनाव आप कर रहे है उसकी बढ़ने की छमता अच्छी होनी चाहिए यदि मछलिओं की बढ़ने की क्षमता धीमी होगी तो आपको इसमें ज्यादा मुनाफा नहीं हो पायेगा।
मछलिआं जब छोटी होती हैं तो अपने वजन का सिर्फ 5 प्रतिशत ही खा पाती हैं लेकिन जैसे जैसे वो बढ़ने लग जाती है तो अपने वजन से 4 प्रतिशत ही खा पाती है। तो आपको मछलिओं के बढ़ने की क्षमता और वजन के अनुसार ही आहार देना चाहिए।
आहार के रूप में आप मछलिओं चोकर दे सकते है चूँकि छोटी मछलिओं के मुँह बहुत छोटे होते और वह चोकर आसानी से खा पाती है।
इसके अलावा आप मछलियों को आटा की छोटी छोटी गोलिया बनाकर दाने के रूप में मछलिओं को दे सकते है. इसके साथ ही ऐसे कई व्यवसाय है जो आहार के रूप में दिए जा सकते है,जैसे जमीन से निकलने वाले केंचुए, केचुओं को आहार के रूप में देने से मछलियों में विकास जल्दी होता है |
इस व्यवसाय में मछलियों की संख्या और उनके पालन के लिए जगह और जरुरी संसाधनों में लगे सम्पूर्ण लागत को जोड़कर 3 से 4 लाख तक के आस पास हो सकती है। और इसके अलावा हम सभी जानते है की किसी भी व्यवसाय को पनपने और बढ़ने में लगभग 1 साल तक का समय लग जाता है तो आपको इस अवधि तक इंतज़ार भी करना पड़ेगा और इस अवधि के दौरान आपके व्यवसाय का खर्च लगभग 1 लाख तक होगा। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर यह माना जा सकता है की व्यवसाय में शुरुआती लागत 4 से 5 लाख तक हो सकता है। सरकार द्वारा मछली पालन लोन योजना के तहत मछली पालन व्यवसाय के लिए लोन दिया जा रहा है, इस ऋण राशि को व्यवसाय में जरुरी सामानों की खरीदारी के लिए कार्यशील पूंजी के रूप में उपयोग किया जा सकता है.
ऐसे तो भारत के हर शहर में मछलियों को बेचने के लिए एक हाट लगता है जहाँ पर सिर्फ मछलियों की ही मंडी लगती है और गाँव या उनके छोटे बाज़ार में आप खुद भी मछलियों को ले जाकर बेच सकते और बढ़िया पैसा कमा सकते है. गाँव के बाजार में मछलियों का अच्छा व्यवसाय होता है, इसके अलावा आप शादी और पार्टियों में भी मछलियों के सप्लाई के आर्डर लेकर अच्छा मुनाफा कमा सकते है|
मछली पालन के लिए छोटे तलाब या टैंक का निर्माण आप कई तरीकों से कर सकते हैं, जैसे की आप प्लास्टिक के बड़े-बड़े टैंक का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा आप जमीन पर इसका निर्माण करना चाहते हैं, तो आप अपनी जमीन में खुदाई करवाकर उसे तालाब के आकार में बना सकते हैं. तालाब निर्माण के बाद आवश्यक कीटनाशक का छिड़काव जरूर कर दें. ऐसा करने से चयनित क्षेत्र में मछलियों को हानि पहुंचाने वाले कीट एवं अनावश्यक जीव मर जाते हैं.
इस व्यापार को सुचारु रूप से चलाने के लिए आपको मजदूरों की भी जरूरत पड़ती है. जो कि इन मछलियों का ख्याल रख सकें और समय-समय पर इन्हें खाना दे सकें. इसके साथ ही मछलियों को सुरक्षित रखना भी काफी महत्वपूर्ण होता है. वहीं अगर किसी मछली को कोई बीमारी हो जाती है, तो ऐसे में आप पोटेशियम परमैंगनेट और साल्ट यानि सोडियम का इस्तेमाल करें. क्योंकि एक मछली में फैलने वाले ये कीटाणु या रोग पूरी मछलियों को बीमार कर सकते हैं. इसलिए मछलियों की देखरेख का खास ध्यान रखें.
किसी भी व्यापार को शुरू करने से पहले उसका रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है, आप उद्योग आधार का फॉर्म भरके अपने व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन करा सकते है. उद्योग आधार फॉर्म भरने के लिए आपको MSME मंत्रालय में संपर्क करना होगा. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाता है. लेकिन अगर आप अपने निजी सम्पत्ति के बजाय अपने इस व्यवसाय को नदी या समुद्र में करना चाहते है तो इसके लिए आपको सबसे पहले सरकार से NOC (No Objection Certificate)लेना होगा.
भारत में मछली पालन व्यवसाय से जुड़े किसानों और उद्यमिओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के महत्व को समझते हुए, भारत सरकार ने नवोदित उद्यमियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए योजनाओं और विनियमों के रूप में कई नई पहल शुरू की हैं। एक आत्मनिर्भर सेना के रूप में, हम अवसर चाहनें वालों और एक सफल व्यवसाय में अपने सपने का निर्माण करने की इच्छा रखनेवाले सभी मत्स्य पालन किसानों और उद्यमिओं की लगातार मदद कर रहे हैं। आत्मनिर्भर सेना संगठन उनके लिए एक लॉन्चपैड के रूप में कार्य करती हैं और उन्हें अपने लक्ष्य की ओर एक कदम बढ़ाने में मदद करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। हमारे संगठन आत्मनिर्भर सेना, मत्स्य पालन व्यवसाय के किसानों की सहायता के लिए पेशेवर कार्यशालाएं, उन्नत तकनीक और व्यावसायिक सत्र आयोजित करते हैं। इसके साथ ही किसानो को सरकार द्वारा लाई गयी योजनाओं का लाभ उठाने में भी सहायता करते है। हम मत्स्य पालन किसानो को उनके कल्याण और आय में बढ़ोतरी के लिए मछली पालन व्यवसाय में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।