
कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने प्रवासी मजदूरों और नौकरी गवा चुके लोगो के लिए बहुत सी महत्वपूर्ण योजनाए शुरू की. इन योजनाओं के तहत देश भर के लाखों गरीबों और प्रवासी मजदूरों को आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई. आर्थिक सहायता के साथ साथ गरीबो के लिए मुफ्त राशन भी उपलब्ध कराए गए. आर्थिक सहायता के रूप में सरकार ने कई चरणों में आत्मनिर्भर राहत पैकेज के नाम से राहत राशि का एलान किया. सरकार के इस आत्मनिर्भर राहत पैकेज से बहुत से लोगों को फ़ायदा हुआ. इस महामारी के दौर में दिवांगजनो को भी बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
दिव्यांगजनों को आर्थिक रुप से मजबूत करने और उन्हें खुद का व्यवसाय शुरू करने में उनकी सहायता करने के लिए ही दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना (Divyangjan Swavalamban Yojana Scheme for Persons with Disabilities) को लागु किया गया है। योजना के माध्यम से शारीरिक रूप से असमर्थ लोगो को अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता के रूप में 10 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध करवाया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने देश के देशवासियों की आर्थिक हालात सुधारने तथा उन्हें खुद का व्यवसाय शुरु करने के में उनकी सहायता करने के लिए कई प्रकार की लोन योजनाए शुरू की। दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना
उन्ही में से एक है, जिसे केवल दिव्यांगजनों के लिए ही शुरू किया गया है. इस योजना के अंतर्गत केवल वही व्यक्ति आवेदन कर सकते है जो शारीरिक रूप दिव्यांग/ विकलांग है. इस योजना के तहत दिव्यांगजन बैंको से लोन लेकर अपना स्वयं का कोई भी व्यवसाय शुरू करके अपनी आजीविका चला सकते है. साथ ही वे अपने व्यवसाय के माध्यम से दूसरे लोगों के लिए भी रोजगार ने नए अवसर पैदा कर सकते है। इस योजना के तहत दिव्यांगजनों को अपना व्यवसाय शुरु करने के लिए बैंको द्वारा 10 लाख रुपये तक का लोन मुहैया करवाया जाएगा।
इस योजना का लाभ उठाकर लाभार्थी अपनी इच्छा अनुसार कोई भी बिज़नेस शुरु कर सकते हैं। यह योजना दिव्यांगजनों के आर्थिक हालात को सुधारने में उनकी मदद करेगी तथा उन्हें आत्मनिर्भरता, स्वतंत्रता और स्वरोजगार की ओर प्रेरित करती है। इस योजना को Handicapped Finance Development Corporation के द्वारा संचालित किया जा रहा है, इसे खास तौर पर दिव्यांगजनों के लिए ही शुरु किया गया है।
दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों को खुद का व्यवसाय स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाना है। इस योजना के अंतर्गत सरकार दिव्यांगजनों/ विकलांगों को 10 लाख तक का लोन बैंको के माध्यम से उपलब्ध कराती है।
दिव्यांगजन लोन योजना के तहत बैंको और कुछ निजी संस्थानों, NBFC संस्थानों आदि द्वारा लोन दिए जायँगे.
देखा जाए तो युवा बेरोजगारी हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या है और देश के आर्थिक विकास के लिए एक बड़ी बाधा भी है। दुर्भाग्य से, युवा बेरोजगारी की समस्या अभी तक हल नहीं की जा सकी है। जिसके कारणवश भारत में हर महीने दस लाख बेरोजगार नौकरी चाहने वालों में से कई व्यक्ति युवा हैं। ये तो केवल आम व्यक्ति के हालात है जबकि दिव्यांगजनों के लिए यह समस्या और कठिन है।
सरकार ने Divyangjan Swavalamban Yojana Scheme for Persons with Disabilities योजना शुरू करके उन गरीब दिव्यांगजनों के परिवारों की दुर्दशा को समझा है, जो दैनिक खर्चों से अधिक आय पाने में असमर्थ हैं। कोरोना महामारी के दौरान देश की बिगड़ी आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार ने आम लोगों के साथ साथ दिव्यांगजनों के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक बड़ी पहल की है।
दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना देशवासियों की स्थिति को बढ़ाने के लिए एक माध्यम है और दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने का एक प्रमुख उदाहरण है।
हमारा संगठन आत्मनिर्भर सेना सरकार तथा विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर योजनाओं के अनुरूप काम कर रही है और दिव्यांगजनों के लिए व्यवसाय से संबंधित विभिन्न जागरूकता अभियान चलाकर दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना के लक्ष्यों को पूरा करने की कोशिश कर रही है।
दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना सरकार की ओर से एक शानदार पहल है और आज के बेरोजगार दिव्यांगजनों के लिए फलदायी साबित होगी। यह योजना आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार के एक मजबूत संदेश को फैलाता है।