
आर्थिक आपदा की मार झेल रही देश की अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए सरकार ने आज आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 2,65,080 करोड़ रुपये की घोषणा की है जिसमें कुल 12 उपायों शामिल है। इन 12 उपायों में फर्टिलाइजर के लिए 65000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. सरकार ने यह दावा किया कि फर्टिलाइजर के लिए घोषित 65000 करोड़ रुपये की सब्सिडी से 14 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना वैक्सीन के शोध एवं विकास के लिए 900 करोड़ रुपये के पैकेज का एलान किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 के अंतर्गत कुल 2,65,080 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि यह राहत राशि पैकेज कुल जीडीपी का 15 फीसदी है। इसके अलावा कोविड-19 की वैक्सीन के शोध के लिए 900 करोड़ रुपये का एलान किया गया है। कोविड-19 से सुरक्षा एवं बचाव के लिए यह राशि डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी को दी जाएगी। पूंजीगत और औद्योगिक व्यय (Capital and Industrial Expenditure) के लिए अतिरिक्त 10200 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है। इस राहत राशि से रक्षा उपकरण बनाने वाली स्थानीय और ग्रीन एनर्जी कंपनियो को बड़ा फायदा होगा।
निर्मला सीतारमण जी ने बतायाआत्मनिर्भर भारत योजना 3.0 के तहत प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए एक्जिम बैंक को 3000 करोड़ रुपये लाइन ऑफ क्रेडिट के रूप में दिए जाएंगे। इसके साथ ही पीएम गरीब कल्याण रोजगार योजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। इस 10 हज़ार के राहत पैकेज से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने बताया की फर्टिलाइजर के लिए 65000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इस 65000 करोड़ रूपए की सब्सिडी से 14 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में इस साल खाद की खपत 2019-20 के मुकाबले 17.8 फीसदी बढ़ी है।
सरकार ने यह भी एलान किया की 6000 करोड़ रुपये एनआईआईएफ (NIIF) के डेट प्लेटफॉर्म में इकि्वटी के रूप में निवेश करेगी। बिल्डर्स और घर खरीदारों को इनकम टैक्स में राहत दी जायेगी, जिससे रियल एस्टेट को बढ़ावा मिलेगा और मध्य वर्ग के लोगों को बहुत राहत मिलेगी। वृत दर (Circle Rate) और एग्रीमेंट वैल्यू में अंतर को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है। वही दूसरी तरफ इन्फ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रशन सेक्टर कंपनियों को बैंक और कैपिटल गारंटी में राहत दी गई है। ठेकेदार और कंपनियों को राहत देने के लिए परफॉर्मेंस सिक्योरिटी को कम करके 3 फीसदी कर दिया गया है।
वित्तमंत्री ने कहा कि पीएम आवास योजना शहरी के लिए 18000 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान रखा गया है। इस योजना से गरीबों को बहुत फायदा होगा और देश में लगभग 78 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ ही साथ गरीबों को पक्के मकान मिलेंगे।
इसके साथ ही सरकार ने हाल ही में 10 अलग अलग सेक्टरों के लिए 1.46 लाख करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम की है। यह योजना भी आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 का ही हिस्सा है।
26 दबावग्रस्त सेक्टरों और स्वास्थ्य सेक्टर के लिए ECGLGS के तहत लाभ दिया गया है। लोन चुकाने के लिए सरकार द्वारा 5 साल का समय दिया गया है। यह योजना केवल 31 मार्च 2021 तक वैध रहेगी। हलाकि Emergency Credit Line Guarantee Scheme की समय सीमा को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है।
#AatmanirbharBharat Package 3.0
— BJP (@BJP4India) November 13, 2020
Atmanirbhar Bharat Rozgar Yojana Subsidy support from Central Govt. pic.twitter.com/LKiEVZRQ65
देश में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की घोषणा की है। सरकार की इस घोषणा से संगठित क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। रजिस्टर्ड ईपीएफओ इस्टैब्लिशमेंट से जुड़ने वाले कर्मचारी को इसका बहुत बड़ा फायदा होगा। इससे उन लोगों का फायदा मिलेगा जो पहले ईपीएफओ से नहीं जुडे थे या फिर उन लोगों के लिए जिनकी इस साल 1 मार्च से 30 सितंबर के बीच नौकरी चली गई हो। यह योजना 1 अक्टूबर 2020 से हुई है और यह 30 जून 2021 तक निरंतर चलती रहेगी। इस योजना के तहत केंद्र सरकार अगले दो साल तक सब्सिडी देगी, यानि अगर किसी संस्थान में 1000 कर्मचारी हैं, तो उसमें ईपीएफओ में 12 फीसदी कर्मचारी का हिस्सा और 12 फीसदी नियोक्ता का हिस्सा केंद्र सरकार खुद देगी। वहीं दूसरी ओर 1000 से अधिक कर्मचारियों वाली संस्थाओं में केंद्र सरकार केवल कर्मचारी के हिस्से का 12 फीसदी देगी।
इससे पहले लॉकडाउन के दौरान 12 मई 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा की जिसके तहत उन्होंने 20 लाख करोड़ रूपए के एक राहत पैकेज की घोषणा की, जो कोविड-19 महामारी के संकट से लड़ने में निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और एक आधुनिक भारत और आत्मनिर्भर भारत की पहचान बनेगा। पीएम मोदी द्वारा घोषित राहत पैकेज देश की कुल जीडीपी का लगभग 10 प्रतिशत है। खास बात यह है कि इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा नागरिकों की मदद के लिए नगद बहुत कम दिया गया, नगद के बजाय सरकार ने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए योजनाओं की शुरुआत की, उससे न तो देश घाटे में रहेगा, न ही किसी को सरकार से मिलने वाली वित्तय सहायता पर निर्भर होना होगा।
सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत MSMEs के कल्याण के लिए कुल 16 घोषणाएं की गईं, इसके साथ ही गरीबों, श्रमिकों और किसानों के लिए भी कुछ घोषणाएं की गईं, जिनमें किसानों की आय दोगुनी करने के लिए की गई 11 घोषणाएं भी शामिल हैं।
बहरहाल, इस योजना का मुख्य उद्देश्य 137 करोड़ देशवासिओं को इस संकट से उबरना और आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि भारत का प्रत्येक नागरिक संकट की इस घड़ी में भी अपनी जीवनशैली को संभाल सके और इस महामारी को हराने में अपना योगदान दे सके।
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना के माध्यम से देश को और मजबूत बनाने के लिए एक नयी पहल की है, इस पहल से कोरोना वायरस के कारण देश की बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सकेगा और देशवासिओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा।
क्योंकि कोरोना वायरस के कारण पूरे देश के लॉकडाउन की स्थिति का सबसे ज्यादा बुरा असर देश के सुक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों, श्रमिकों, मजदूरों और किसानों पर पड़ा है। इन सभी नागरिकों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री ने देश के सुक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों, श्रमिकों, मजदूरों और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी आर्थिक पैकेज का ऐलान कर दिया है। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा चुने गए इन सभी लाभार्थियों को सबसे बड़ी सहायता राशी आर्थिक पैकेज के रूप प्रदान की जाएगी। केंद्र सरकार की इस मदद से भारत देश एक नई ऊंचाई की तरफ जायेगा।
हमारा देश निरंतर ही बड़ी से बड़ी जानलेवा बीमारियों से लड़कर जीतता आया है। और इसमें कोई शक नहीं की इस बार भी हमारा देश और देशवासी अपनी संकल्प शक्ति से कोरोना वायरस महामारी पर भी जीत हासिल कर ही लेंगे और अपनी इस जीत के बाद हम विश्व कल्याण और देश कल्याण में पुनः अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यतः 5 चीजों पर ध्यान केंद्रित करना होगा, जिसमें पहला- अर्थव्यवस्था (Economy), दूसरा- आधारिक संरचना (Infrastructure), तीसरा- प्रणाली (System), चौथा- जनसांख्यिकी (Demography), और पांचवां- मांग और आपूर्ति (Demand and Supply) है।
आत्मनिर्भर भारत का स्वप्न आत्मनिर्भरता, आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव हो पायेगा। इसलिये हम सभी को मिलकर देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए और आत्मनिर्भर भारत अभियान में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। क्योंकि आज यह महामारी पूरी दुनिया के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी है। इसलिए आज पूरी दुनिया को एकजुट होकर अपनी संकल्प शक्ति के साथ इस महामारी का सामना करना होगा और देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में अग्रसर करने के लिए अपना अहम योगदान देना होगा।